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हवा के ज़रिए फ़ैला था कोविड- विश्व स्वास्थ्य संगठन

 24 Apr 2024

विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) और 500 वैज्ञानिकों ने कई रिसर्चों के आधार पर माना है कि कोविड महामारी हवा से भी फ़ैली थी। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हवा से फ़ैलने वाली बीमारियों की अलग श्रेणी तैयार की जा सकेगी, जिससे भविष्य में बचाव के कार्यों में सहायता मिले।


 


जानकारियों का अभाव रहा - डब्ल्यूएचओ के मुख्य वैज्ञानिक

विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) और दुनिया के 500 स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्वीकार किया है कि कोविड महामारी के फ़ैलने में हवा का भी बहुत बड़ा हाथ था। जबकि अभी तक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डब्ल्यूएचओ के विषेशज्ञों ने कोविड महामारी के फ़ैलने को लेकर अलग-अलग राय रखी थी। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जो तकनीकी जानकारियां हमें मिली हैं, उसका फ़ायदा खसरे और अन्य महामारियों में एक बेहतर रणनीति बनाने के रूप में हो सकेगा।

डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक रहीं सौम्या स्वामीनाथन ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ को महामारी के संबंध में सभी संवेदनशील जानकारियों को लोगों के सामने मज़बूती के साथ रखना चाहिए था। वर्तमान में डब्ल्यूएचओ के मुख्य वैज्ञानिक जेरेमी फैरार ने भी कहा कि, ‘हमें समय के साथ महामारी के संबंध में जानकारियों और परिभाषाओं को बदलना चाहिए था। लेकिन अब स्वास्थ्य विशेषज्ञों में एक आम सहमति बन चुकी है कि हवा से फ़ैली बीमारियों में किस बीमारी को रखा जा सकेगा और किसे नहीं।


कोविड महामारी के कारण भारत में सबसे ज़्यादा मौतें - डब्ल्यूएचओ 

कोविड-19 की मौतों को लेकर डब्ल्यूएचओ ने साल 2022 में एक रिपोर्ट पेश की थी। जिसके अनुसार भारत में कोविड की वज़ह से साल 2020 और 2021 के बीच में 47 लाख लोगों की मौतें हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अन्य देशों की तुलना में सबसे ज़्यादा मौतें दर्ज़ की गयी थी। डब्ल्यूएचओ ने जो मौतों को लेकर आँकड़े जारी किये थे उसके अनुसार विश्व भर में 1 करोड़ 50 लाख लोगों की मौतें कोविड महामारी के चलते हुईं थी। यानी भारत में महामारी के चलते पूरे विश्व की तुलना में एक-तिहाई मौतें दर्ज़ की गयी थी। 

केंद्र सरकार के अनुसार, भारत में कोविड महामारी से लगभग 4 लाख 80 हज़ार मौतें दर्ज़ की गयी थी। डब्ल्यूएचओ ने जो आँकड़ा भारत में महामारी के चलते हुई मौतों का जारी किया था, वो भारत सरकार के आँकड़ो का लगभग 10 गुणा अधिक है।